गुमनाम हैं वो शख्स जो शहीद हो गए,
नारे लगाने वाले यहाँ मशहूर हो गये….
Category: Shayri-E-Ishq
ख्वाबो में भी
ख्वाबो में भी फरार होना मुमकिन है,मेरे बिस्तर पर बेड़िया रख दो…
आएंगे हम याद तुम्हे
आएंगे हम याद तुम्हे एक बार फिर से..
जब तेरे अपने फ़ैसले तुझे सताने लगेंगे !!
पहली बार जीते हो
पसंद हे मुझे उन लोगो से हारना
जो मेरे हारने की वज्ह से
पहली बार जीते हो
कर्म देखता है
तेरा मेरा करते एक दिन चले जाना है,
जो भी कमाया यही रह जाना है !
कर ले कुछ अच्छे कर्म,
साथ यही तेरे जाना है !
रोने से तो आंसू भी पराये हो जाते हैं, लेकिन मुस्कुराने से…
पराये भी अपने हो जाते हैं !
मुझे वो रिश्ते पसंद है,
जिनमें ” मैं ” नहीं ” हम ” हो !!
इंसानियत दिल में होती है, हैसियत में नही,
उपरवाला कर्म देखता है, वसीयत नही..
जुबान के सच्चे
रिश्तो के बजार में आजकल..
वो लोग हमेशा अकेले पाये जाते हैं,
सहाब जो दिल और जुबान के सच्चे होते हैं.
अहसास की शिद्दत
नजदीक आ के देख मेरे अहसास की शिद्दत,
ये दिल कितना धड़कता है, तेरा नाम आने पर
मोहब्बत का शोर
वो तेरी-मेरी मोहब्बत का शोर ,
मेरे दिल को बनाए कितना विभोर ,
मैं जब भी उसे अपने कानों में दोहराती ,
तेरी कसम , तेरे नज़दीक और आती ,
बहुत आशिकाना था वो एक शोर ,
वो तेरी-मेरी मोहब्बत का शोर ।
वो रातों की तन्हाई का एक नज़ारा ,
जिसमे दोनों का दिल था सिर्फ बेचारा ,
वो तेरी कहानी अपने लबों से सुनाना ,
वो मेरी कहानी मेरे लबों से सुनते जाना ,
बहुत रंगीन था वो एक दौर ,
वो तेरी-मेरी मोहब्बत का शोर ।
उस शोर में थी दो दिलों की बेचैनी ,
जिसमे एक-दूजे को थी अपनी चाहत देनी ,
जिसमे थे अरमानों के पिघलते साए ,
ना रुकने वाले तूफ़ान तब थे आए ,
बहुत दिलकशी का था वो एक मोड़ ,
वो तेरी-मेरी मोहब्बत का शोर ।
मेरे अंदर की गर्मी तब जली थी तेरे आगे ,
उस शोर में भी तूने सुने थे मेरे वादे ,
तब लफ़्ज़ों पर कोई काबू नहीं था ,
उस रात सब कुछ बेकाबू हुआ था ,
बहुत सुरीले थे वो कुछ बोल ,
वो तेरी-मेरी मोहब्बत का शोर ।
मैं सुनने को तेरे दिल के दरवाज़ों का शोर ,
खड़ी थी दरवाज़े के पीछे छिप के चितचोर ,
तू सुनाने लगा जब मुझे अपनी बेहयाई ,
मैं गिराने लगी अपनी शर्म ~ ओ ~ हया की परछाई ,
बहुत नाज़ुक सा था वो एक जोड़ ,
वो तेरी-मेरी मोहब्बत का शोर ।
उस शोर में मेरी हँसी दब गई थी ,
उस शोर में तेरी हँसी मिल गई थी ,
उस शोर में साँसों का तूफाँ उठा था ,
उस शोर में धड़कनों पर पहरा लगा था ,
बहुत गहरा था वो जवानी का जोर ,
वो तेरी-मेरी मोहब्बत का शोर ।
मैं जब भी तुझे भुलाने की सोचूँ ,
उस शोर के ना मिलने की तड़प से मचलूँ ,
जिसमे हम दोनों फना जब हुए थे ,
सारी क़ायनात के दर्शन तब हुए थे ,
बहुत नशीली थी उस शोर की वो होड़ ,
वो तेरी-मेरी मोहब्बत का शोर ।
वो तेरी-मेरी मोहब्बत का शोर ,
मेरे दिल को बनाए कितना विभोर ,
मैं जब भी उसे अपने कानों में दोहराती ,
तेरी कसम , तेरे नज़दीक और आती ,
बहुत आशिकाना था वो एक शोर ,
वो तेरी-मेरी मोहब्बत का शोर ।।
Azaab Aur Yeh Sitam
Phir Yeh Azaab Aur Yeh Sitam Kiske Hai
Aur Tu To Is Baat Se Wakif Hai Ke Hum Kiske Hai
Ek Duniya Hai
Ek Duniya Hai Ke Basti Hai Teri
Aankhon Me.
Wo To Ham The Jo Teri Ek Nazar Ko
Tarse.