अच्छे लोग खामोश है

अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का,,
सब को मंजिल का शौक है और मुझे रास्तों का…
ये दुनिया इसलिए बुरी नही के यहाँ बुरे लोग ज्यादा है।
बल्कि इसलिए बुरी है कि यहाँ अच्छे
लोग खामोश है..!!!

जुदाई से डरता हुँ।

जमाने से नही तो तनहाई से डरता हुँ,
प्यार से नही तो रुसवाई से डरता हुँ,
मिलने की उमंग बहुत होती है,
लेकिन मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरता हुँ।

न किसी किताब से

प्रेम न तो किसी शब्द से और न किसी किताब से परिभाषित किया जा सकता है।

ये तो सिर्फ महसूस किया जा सकता है।

वफा की बात

न वफा का जिकर होगा न वफा की बात होगी

अब मोहब्बत जिससे भी होगी Exam के बाद होगी…