माफ़ी चाहता हूँ गुनाहगार हूँ तेरा ऐ दिल…!!
तुझे उसके हवाले किया जिसे तेरी कदर नहीं…
Category: Shayri
पत्तें से गिरती बून्द
पत्तें से गिरती बून्द हो या गीले बालों से…
मौसम का असर तो दोनों पर ही जवां हैं..
तारीखें… हज़ारों साल में
तारीखें… हज़ारों साल में बस इतनी ही बदली,पहले दौर था पत्थरों का,अब लोग हैं पत्थरों के…!!
शाम का वक्त
शाम का वक्त हो और ‘शराब’ ना हो…!इंसान का वक्त इतना भी ‘खराब’ ना हो..
हमने काँटों को भी
हमने काँटों को भी नरमी से छुआ है..
लोग बेदर्द हैं जो फूलो को भी मसल देते हैं..
फना होने की इजाजत
फना होने की इजाजत ली नहीं जाती
ये मोहब्बत है जनाब पूछ के की नहीं जाती
सुनो.. इस दूनिया मेँ
सुनो.. इस दूनिया मेँ हर वो एक शख्स अकेला हैँ
जिसने सच्चे दिल से मोहब्बत की हैँ…!!
मकड़ी भी नहीं फँसती
मकड़ी भी नहीं फँसती, अपने बनाये जालों में।
जितना आदमी उलझा है, अपने बुने ख़यालों में…।।
बेहिसाब हसरतें न पालिये
बेहिसाब हसरतें न पालिये.
जो मिला है उसे संभालिये..!
कितना भी समेट लो..
कितना भी समेट लो..
हाथों से फिसलता ज़रूर है..
ये वक्त है साहब..बदलता ज़रूर है…