शाम का वक्त हो और ‘शराब’ ना हो…!इंसान का वक्त इतना भी ‘खराब’ ना हो..
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Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
शाम का वक्त हो और ‘शराब’ ना हो…!इंसान का वक्त इतना भी ‘खराब’ ना हो..