घरों पे नाम थे
नामों के साथ औहदे थे
बहुत तलाश किया
कोई आदमी न मिला।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
घरों पे नाम थे
नामों के साथ औहदे थे
बहुत तलाश किया
कोई आदमी न मिला।
वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन,
उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा……
जमा कर खुद के पाँवों को चुनौती देनी पड़ती है
कोई बैसाखियों के दम पे अंगद हो नहीं सकता
….
जिनको मिली है, ताक़त दुनिया सँवारने की…
खुदगर्ज आज उनका ईमान हो रहा है…!!
आसमानों से उतरने का इरादा हो तो सुन
शाख़ पर एक परिंदे की जगह खाली है
बड़ी जल्दी सीख लेते है जिंदगी का सबक
गरीब के बच्चे बात बात पे जिद नहीं करते ||
एक ये ख्वाहिश कोई ज़ख्म ना देखे
एक ये हसरत कोई देखने वाला होता…
मुझे कहाँ से आएगा लोगो का दिल जीतना …!!
मै तो अपना भी हार बैठा हुँ..
कुछ देर तो हँस लेने दो मुझे…
हर पल कहाँ उसे मैं भूल पाता हूँ..!!
हम इतने मतलबी नहीं की तुझे धोका दे..!!
बस्स हमें समझना तेरे बस की बात नहीं….!!!