एक वो दिन

एक वो दिन जब लाखों गम और काल पड़ा है आंसू का,
एक वो दिन जब एक जरा सी बात पे नदियां बहती थीं।

गगन तेरे लिए हूं

गगन तेरे लिए हूं मैं जमी मेरे लिए है तू।
हकीकत और ख्वाबों में ख़ुशी मेरे लिए है तू।

जमाना बेरहम है पर हकीकत जान ले ये भी,
बना तेरे लिए हूं मैं बनी मेरे लिए है तू।