भीड़ का हिस्सा

यह दुनिया

इंसानों की बस्ती है फरिश्ता मत बन,
लोग पत्थर से तुझे मारेंगे

शीशा मत बन,
ऐसा कुछ कर कि सारा जमाना तुझे देखे,
अपनी

पहचान बना, भीड़ का हिस्सा मत बन..!

एक दूसरे के लिये

ना आप अपने आप

को गले लगा सकते हो, ना ही आप अपने कंधे पर सर रखकर रो

सकते हो। ? एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी

है।इसलिये वक़्त उन्हें भी दो जो आपको चाहते है दिल से…|

लिपट जाता हूँ माँ

लिपट जाता हूँ माँ से और मौसी मुस्कुराती है
मैं उर्दू में ग़ज़ल कहता हूँ हिन्दी मुस्कुराती है
उछलते खेलते बचपन में बेटा ढूँढती होगी
तभी तो देख कर पोते को दादी मुस्कुराती है
तभी जा कर कहीं माँ-बाप को कुछ चैन पड़ता है
कि जब ससुराल से घर आ के बेटी मुस्कुराती है
चमन में सुबह का मंज़र बड़ा दिलचस्प होता है
कली जब सो के उठती है तो तितली मुस्कुराती है
हमें ऐ ज़िन्दगी तुझ पर हमेशा रश्क आता है
मसायल से घिरी रहती है फिर भी मुस्कुराती है
बड़ा गहरा तअल्लुक़ है सियासत से तबाही का
कोई भी शहर जलता है तो दिल्ली मुस्कुराती है ।