मुद्दते गुजार दी

युँ तो मुद्दते गुजार दी है
हमने तेरे बगैर…

मगर,
आज भी तेरी यादों का एक झोंका
मुझे टुकड़ो मे बिखेर
देता है..

पानी फेर दो

पानी फेर दो इन पन्नों पर.ताकि धुल जाए स्याही ,,
जिंदगी फिर से लिखने का मन करता है कभी -कभी ..

उनकी गलियों में

उनकी गलियों में सफाई अभियान जरा ध्यान से चलाना यारों
शायद बिखरे सपनों के मलबे के साथ
मेरे दिल के टुकड़े भी मिले..

जब रात को नींद

जब रात को नींद ना आये,
और
दिल की धड़कन भी बढ़ जाये..
.
तब..
.
दूसरों की नींद खराब करो,
शायद..
उनकी दूआ से आपको नींद आ जाये..