कभी हम भी

कभी हम भी हँसते खेलते और मुस्कुराते थे, ज़नाब….

ये इश्क़ की आदत ने सब कुछ बदल के रख दिया|

बहुत इच्छा है

बहुत इच्छा है तेरे शहर आने की
जरा मै भी तो देखू बेवफाओ का शहर कैसा होता है !
तू ये मत सोच की तेरे बिना मेरा वजूद नही,
अगर तुझे मेरी कद्र नही तो मुझे भी तेरी जरुरत नहीं l