बन्द कर देता है “आँखे” अक्ल कि..
” इश्क” जब वारदात करता है…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बन्द कर देता है “आँखे” अक्ल कि..
” इश्क” जब वारदात करता है…!!
दुश्मनों के खेमें में चल रही थी
मेरे क़त्ल की साज़िश
मैं पहुंचा तो वो बोले
“यार तेरी उम्र बहुत लंबी हैं”
एक आँसू कोरे काग़ज़ पर गिरा
और, अधूरा ख़त मुक्कमल हो गया !!!
अलविदा कहने में उसने जिंदगी का एक पल खोया….
हमने एक पल में पूरी जिंदगी खो दी|
न ख़ुशी अच्छी है ऐ दिल, न मलाल अच्छा है,
यार जिस हाल में रखे, वही हाल अच्छा है।
बस मुस्करा दो, तबियत ख़ुश हो जाती है मेरी;
सारे शहर में ढूँढ लिया, हकीम तुम सा नहीं
कुछ न कुछ तो है उदासी का सबब…
अब मान भी जाओ की याद आते है..हम…
कुछ,अधूरी बातें..पूरी करनी है,
तुम ,आज फिर मेरे ख्वाब में आना…
मत कर हिसाब तू मेरी मोहब्बत का.
वरना..
ब्याज में ही तेरी जिन्दगी गुजर जाएगी…
आँखे तक निचोड़ कर पी गए…
तेरे गम भी न, कितने प्यासे थे…