एक तू और एक वक्त,
अफ़सोस की दोनों ही बदल गए
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एक तू और एक वक्त,
अफ़सोस की दोनों ही बदल गए
सच बोल-बोल कर यूं दुश्मनी कब तलक..
झूठ बोलना सीख..कुछ दोस्त बना ले
जाता हुआ मौसम लौटकर आया है. ….
काश वो भी कोशिश करके देखे…!!
बस ये कहकर टाँके लगा दिये उस हकीम ने..कि
जो अंदर बिखरा है उसे खुदा भी नहीं समेट सकता..!!
जरा ठहर ऐ जिंदगी तुझे भी सुलझा दूंगा,
पहले उसे तो मना लूं जिसकी वजह से तू उलझी है !!
हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अंदाज से
देखा है खुद को आज पुरानी तस्वीरों में..!!
फिर यूँ हुआ कि सब्र की उँगली पकड़ कर हम..
इतना चले कि रास्ते हैरान हो गए..
सुना था लोगों से
वक्त बदलता है और अब .
वक्त ने बताया के
लोग भी बदलते है …….
कुछ बेरुखे रिश्तों ने तोङा है हमें..!फिर पूछते हो तुम्हें हुआ क्या है…
कुछ देर तो हँस लेने दो मुझे….
हर पल कहाँ उसे मैं भूल पाता हूँ….