हवा से कह दो खुद को
आज़मा के दिखाये,
बहुत चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हवा से कह दो खुद को
आज़मा के दिखाये,
बहुत चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये.
लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं
मिलता,
शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता……!!
किस्मतवालों को ही मिलती है पनाह किसी के दिल में,
यूं हर शख़्स को तो जन्नत का पता नहीं मिलता…!!
अपने सायें से भी ज़यादा यकीं है मुझे तुम पर,
अंधेरों में तुम तो मिल जाते हो, साया नहीं मिलता…!!
इस बेवफ़ा ज़िन्दगी से शायद मुझे इतनी मोहब्बत ना होती
अगर इस ज़िंदगी में दोस्त कोई तुम जैसा नहीं मिलता…!!
काबे में रहो या काशी में
निस्बत तो उसी की ज़ात से है,
तुम राम कहो कि अल्लाह कहो
मतलब तो उसी की बात से है”..
दिल से
ज्यादा महफूज जगह नहीं है दुनिया में,
लेकिन सबसे ज्यादा लापता
लोग यहाँ से ही होते है…॥
इश्क का होना भी लाजमी है शायरी के लिये,,,,
कलम लिखती तो आज हर लिपिक ग़ालिब होता …..
बूँदे कुछ यूँ गिरी,
क़ि कुछ ख़्याल भीग गये…
कहाँ खर्च करूँ , अपने दिल की दौलत…
सब यहाँ भरी जेबों को सलाम करते हैं..!!……..
सारी दुनियाँ के ’बदलने’ से हमे फर्क नहीं पड़ता,,,,
बस कुछ ’अपनों’ का ’बदलना’ अजीब लगता है।…
कतरा-कतरा हम यू ही जिया करते है…,
ऐ जिंदगी…,
वक़्त ने मारा है हम को…,
फिर भी वक़्त की क़दर किया करते है…!!
वाह वाह बोलने की आदत डाल लो,
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मै अपनी बरबादियां लिखने
वाला हुं…