जी करता है मुफ्त में ही उसे अपनी जान भी दे दूँ
इतने मासूम खरीददार से क्या लेन – देन करना |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जी करता है मुफ्त में ही उसे अपनी जान भी दे दूँ
इतने मासूम खरीददार से क्या लेन – देन करना |
ऐ मोहब्बत, तूझे पाने की कोई राह नही,
तू तो उसे ही मिलेगी जिसे तेरी परवाह नही।
सोचा था घर बनाकर बैठूँगा सुकून से,
पर किसी की जरूरतों ने मुसाफिर बना डाला..!!
पुराना कहकर ठुकरा दिया जिस कम्बल को रईस के बच्चों ने
गरीब के बच्चे उस कम्बल के बदले सैंकड़ों दुआएं दे गए
लोगों ने रोज कुछ नया मांगा खुदा से.
इक हम ही तेरे ख्यालों से आगे नहीं गये.
जरूरी नहीं कि जिनमें साँसे नहीं वो ही मुर्दा हैं,
जिनमें इंसानियत नहीं, वो कौन से जिंदा हैं…..
टूट कर बिखर सा जाता हैँ मेरा दिल उस वक्त
जब कोई पूछ लेता हैँ क्या तूने भी प्यार किया है
मैं दिखूँ या ना दिखूँ ….
तुम मुझको महसूस करते रहना..!
बस इतना है …..तुमसे कहना….
छुपे छुपे से रहते हैं सरे आम नहीं हुआ करते..!!
कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं उनके नाम नहीं हुआ करते..!!
बेसबब होती नहीं रूसवाइयां
कुछ हकीकत थी तो अफसाने बने।