हमेशा नहीं रहते
सभी चेहरे मुखौटो में ….!!!
हर एक किरदार खुलता है कहानी ख़तम होने पर….!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हमेशा नहीं रहते
सभी चेहरे मुखौटो में ….!!!
हर एक किरदार खुलता है कहानी ख़तम होने पर….!!
मै तो कागज पर लिखता रहा
ना जाने कैसे उसके दिल पर छपता रहा|
हादसे से बड़ा हादसा ये हुआ,
लोग ठहरे नहीं हादसा देख कर ।
इस शहर के अंदाज़ भी अजब हैं
साहब
गूंगों से कहा जाता है बहरों को पुकारो|
चलो तुम्हे आज एक खेल सिखाऊं,
तुम लगाओ अपने होठो पर लिपस्टिक,
मैं अपने होठो से मिटाऊं
तू तो मेरे बाद हुआ तनहा,
हम तो तेरे साथ भी अकेले थे!
खुदा जाने कौन सा गुनाह कर बैठे हैं हम,
तमन्नाओं वाली उम्र में, तजुर्बे मिल रहे हैं..
कितने कम लफ्जों मे जिंदगी को बयान करूँ लो तुम्हारा नाम लेकर किस्सा तमाम करूँ !!
अगर शक है मेरी मोहब्बत पे तो दो चार गवाह बुला
लो, हम आज, अभी, सबके सामने, ये जिन्दगी तेरे
नाम करते है !!
सुना है सभी कर्मो का फल इस जनम में ही मिलता है….तो फिर तेरी महोब्बत के लिए अगले जनम का इंतजार क्यों|