हो गई थी

हो गई थी कुछ इस कदर करीब तू मेरे,

के अब इन फासलों में भी तेरी खुशबु आती है..!!

याद रखते हैं

याद रखते हैं हम आज भी उन्हें पहले की तरह…; कौन कहता है फासले मोहब्बत की याद मिटा देते हैं।

आँखोँ के परदे भी

आँखोँ के परदे भी नम हो गए बातोँ के सिलसिले भी कम हो गए. . .
पता नही गलती किसकी है वक्त बुरा है या बुरे हम हो गए. .