लौट आओ ना…

लौट आओ ना…
और आकर सिर्फ
इतना कह दो…

मैं भटक गई थी,
थी भी तुम्हारी और
हूँ भी तुम्हारी ही…।

ह्रदय की आंखो से

ह्रदय की आंखो से प्रभु का
दीदार करो…
दो पल का है अन्धेरा बस सुबह का इन्तेजार करो..
क्या रखा है आपस के बैर मे मेरे साथियों ,
छोटी सी है ज़िंदगी बस , हर किसी
से प्यार करो.।