कभी पलकों पे

कभी पलकों पे आंसू हैं, कभी लब पर शिकायत है..

मगर ऐ जिंदगी फिर भी, मुझे तुझसे मुहब्बत है..

जो मौत से

जो मौत से ना डरता था, बच्चों से डर गया…
एक रात जब खाली हाथ मजदूर घर गया…!

दर्द दे गए

दर्द दे गए सितम भी दे गए..

ज़ख़्म के साथ वो मरहम भी दे गए,

दो लफ़्ज़ों से कर गए अपना मन हल्का,

और हमें कभी न रोने की क़सम दे गए|