मैं रुठा जो

मैं रुठा जो तुमसे तुमने हमें मनाया भी नहीं ,
अपनी मोहब्बत का कुछ हक जताया भी नहीं !!

कोशिश तो होती है

कोशिश तो होती है की तेरी हर ख्वाहिश पूरी करूँ,
पर डर लगता है की तू ख्वाहिश में मुझसे जुदाई ना माँग ले !!

आज फिर देखा है

आज फिर देखा है मुझे किसी ने मोहोब्बत भरी निगाहों से,

और एक बार फिर तेरी ख़ातिर मैंने अपनी निगाहें झुका ली…