कीसी भी मौसम मे खरीद लीजीए ?
मोहबत के जख्म हर मोसम मे ताजा ही मीलेगे?
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कीसी भी मौसम मे खरीद लीजीए ?
मोहबत के जख्म हर मोसम मे ताजा ही मीलेगे?
अच्छे विकल्प देने पर भी लोग अक्सर नहीं बदलते
प्रायः वे तब बदलते है
“जब उनके पास कोई विकल्प नहीं होते“
पकड़ना हाथ आप मेरा जगत में भीड़ भारी है,
कही खो न जाऊ अंधेरे में ये जबाबदारी तुम्हारी है…
सवाल जहर का नही था वो तो में पी गया ,
तकलीफ लोगो को तब हुई जब में जी गया!!!
जवानी में भला किस किसकी नज़रों से बचोगे तुम
शज़र फलदार हो तो हर कोई पत्थर चलाता है
जो सफर की शुरुआत करते हैं,
वे मंजिल भी पा लेते हैं बस,
एक बार चलने का हौसला रखना जरुरी है.
क्योंकि,अच्छे इंसानों का तो रास्ते भी इन्तजार करते है
जो लोग दूसरों की आँखों में आंसू भरते हैं..
वो क्यों भूल जाते है कि उनके पास भी दो आँखे हैं
अजीब तमाशा है मिट्टी के बने लोगों का यारो,
बेवफ़ाई करो तो रोते है और वफ़ा करो तो रुलाते है|
इत्तेफाकन मिल जाते हो जब तुम राह में कभी,
यूँ लगता है करीब से ज़िन्दगी जा रही हो जैसे…!!
बच्चे गरीब के फरमाइश इसलिए भी नहीं करते,
वे जानते हैं कि सूखा तालाब पत्थर फेंकने से हलचल
नहीं करता…!!!