जानता था की

जानता था की वो धोखा
देगी एक दिन पर चुप रहा..
.
क्यूंकि उसके धोखे में जी
सकता हूँ पर उसके बिना नहीं…

दो चार नहीं

दो चार नहीं मुझे सिर्फ एक ही दिखा दो साहब,
वो शख्स जो अन्दर से भी बाहर की तरह दिखता हो |

मैने कब कहा

मैने कब कहा किसी को कि याद रखे हर कोई मुझको
मगर मुझे भूला पाना मुमकिन है बस मेरी ही शर्तो पर ……