बहुत ही खूबसूरत होती है एक तरफ़ा मोहब्बत
ना ही कोई शिकायत होती है और
ना ही कोई बेवफ़ा कहलाता है|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बहुत ही खूबसूरत होती है एक तरफ़ा मोहब्बत
ना ही कोई शिकायत होती है और
ना ही कोई बेवफ़ा कहलाता है|
कैसे भूलेगी वो मेरी बरसों की चाहत को,
दरिया अगर सूख भी जाये तो रेत से नमी नहीं जाती…
बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है. . .
आप खुश रहें, मेरा क्या है,
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है. . .
मैंने पूछा एक पल में जान कैसे निकलती है,
उसने चलते चलते मेरा हाथ छोड़ दिया..
वो जब अपने हाथों की लकीरों में मेरा नाम ढूँढ कर थक गये
सर झुकाकर बोले, लकीरें झूठ बोलती है तुम सिर्फ़ मेरे हों……….
इस दिल में और कांटे चुभने से पहले,
ज़रा एक बार देख लो, कितना कांटे पहले ही
चुभा चुकी है ये दुनिया, तेरा ये काँटा कही आखरी न हो…..
तुम्हारा हर अंदाज़ अच्छा है !
सिवाय नज़र अंदाज़ करने के !!
रिश्ते की गहराई अल्फाजो से मत नापो..
सिर्फ एक सवाल सारे धागे तोड़ जाता है…!
आज लफ्जों को मैने शाम को पीने पे बुलाया है,
बन गयी बात तो ग़ज़ल भी हो सकती है…
कल रात मैंने अपने सारे ग़म,
कमरे की दीवार पर लिख डाले,
बस फिर हम सोते रहे और दीवारे रोती रही…