विश्वास ज्यादा हो

रिश्ते वो होते हैं, जिसमे शब्द कम और समझ ज्यादा हो; जिसमे तकरार कम और प्यार ज्यादा हो; जिसमे आशा कम और विश्वास ज्यादा हो।

ज़ख़्म इतने गहरे हैं

ज़ख़्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें;

हम खुद निशाना बन गए वार क्या करें;

मर गए हम मगर खुली रही ये आँखें;

अब इससे ज्यादा उनका इंतज़ार क्या करें।