बेटी का अहम

वृद्धाआश्रम में माँ बाप को देखकर
सब बेटो को ही कोसते हैं

भूल जाते हैं की
वहां भेजने मे किसी की बेटी का अहम रोल होता है

खुश रहा करो

खुश रहा करो,
क्यों कि
परेशान होने से कल की
मुश्किल दूर नहीं होती,
बल्कि आज का सुकून भी
चला जाता है..!!!

बड़ी नादान है

बड़ी नादान है इस निकम्मे दिल की हरकतें जो मिल
गया उसकी कदर ही नहीं, और जो ना मिला उसे
भूलता नही!

झूठे वादों के

समेट कर ले जाओ..अपने झूठे वादों के अधूरे
क़िस्से..अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर..इनकी ज़रूरत
पड़ेगी।