जरूरतें भी जरूरी हैं

जरूरतें भी जरूरी हैं जीने के लिये …..लेकिन … तुझसे जरूरी तो जिंदगी भी नही……..

आज दिल में एक

आज दिल में एक अजीब सा दर्द है मेरे मौला । ये तेरी दुनिया है! तो यहाँ इंसानियत क्यों मरी है।

एक उसूल पर

एक उसूल पर गुजारी है जिंदगी मैंनें, जिसको अपना माना उसे कभी परखा नही..

ये जो खामोश से

ये जो खामोश से अल्फ़ाज़ लिखे है ना, पढ़ना कभी ध्यान से, चीखते कमाल के हैं..

त्यौहार के बहाने

त्यौहार के बहाने ही सही… रिश्ते घर तो लौट आते है..

जो प्यासे हो

जो प्यासे हो तो अपने साथ रक्खो अपने बादल भी ये दुनिया है विरासत में कुआँ कोई नहीं देगा

इन्हीं पत्थरों पे

इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ मेरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है

उम्र की ढलान में

उम्र की ढलान में “इश्क़” होना कोई अचरज की बात नही ं गेंद जब पुरानी हो जाती है तब “रिवर्स स्विंग” लेती है…।

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