बहुत दिन हुए

बहुत दिन हुए तुमने,

बदली नहीं तस्वीर अपनी!

मैंने तो सुना था,

चाँद रोज़ बदलता हैं चेहरा अपना!!

एक रूह है

एक रूह है..
जैसे जाग रही है.. एक उम्र से… ।

एक जिस्म है..
सो जाता है बिस्तर पर.. चादर की तरह… ।।