खुदा से भी माँगा

अमल से भी माँगा वफा से भी माँगा,

तुझे मैने तेरी रजा से भी माँगा,

ना कुछ हो सका तो दुआ से भी माँगा,

कसम है खुदा की खुदा से भी माँगा

ज़मीं पर वो

ज़मीं पर वो मेरा नाम लिखते है और मिटाते है…
उनका तो टाइम पास हो जाता है
कमबख्त मिटटी में हम मिल जाते है

इश्क में हूँ

मैं वो हूँ जो आँखों में आँखे डाल के सच
जान
लेता हूँ,
इश्क में हूँ बस इसलिए तेरे झूठ भी सच मान
लेता हूँ !