हुआ जब इश्क़

हुआ जब इश्क़ का एहसास उन्हें;
आकर वो पास हमारे सारा दिन रोते रहे;
हम भी निकले खुदगर्ज़ इतने यारो कि;
ओढ़ कर कफ़न, आँखें बंद करके सोते रहे।

हर वक़्त तेरे आने की

हर वक़्त तेरे आने की आस रहती है!
हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है!
सब कुछ है यहाँ बस तू नही!
इसलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है!

वो तब भी थी

वो तब भी थी, अब भी है और हमेशा ही रहेगी
ये मोहब्बत है जनाब
कोई तालीम नहीं जो पूरी हो जाएंगी|

आज फिर रो के

आज फिर रो के चल दिए हमारे सामने से वो

हमने तो बस इतना ही पूछा था की खुश तो रखता हे ना वो तुम्हे|