एक नया दर्द

एक नया दर्द एक नया दाग़ मेरे सीने में छोड़ देती है…
रातें अक्सर मेरे कमरे की दहलीज़ पर ही दम तोड़ देती है|

मत दो मुझे खैरात

मत दो मुझे खैरात उजालों की… … आज तक उस थकान से दुख रहा है बदन, … पर तुमसे करीब मेरे कोई नही है ये बात तुम भी कभी न भूलना…