कभी हम भी हँसते खेलते और मुस्कुराते थे, ज़नाब….
ये इश्क़ की आदत ने सब कुछ बदल के रख दिया|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कभी हम भी हँसते खेलते और मुस्कुराते थे, ज़नाब….
ये इश्क़ की आदत ने सब कुछ बदल के रख दिया|
रोज ढलता हुआ सूरज कहता है मुझसे,
आज उसको बेवफा हुए एक दिन और बीत गया ।
जरूरते भी जरूरी हैं, जीने के लिये लेकिन, तुझसे जरूरी तो , जिंदगी भी नही!
कभी कभी बहुत सताता है
यह सवाल मुझे,
.
हम मिले ही क्यूं थे
जब हमें मिलना ही नहीं था..
चल पड़ी है दुआएं मेरी अर्श की जानिब,
तुम बस मेरे होने की तैयारी करो..
हर रोज गिरकर भी,
मुक्कमल खड़े हैं…!
ए जिंदगी देख,
मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं …!!
कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फाज मेरे
मतलब मोहब्बत में बरबाद और भी हुए हैं।….
तुझसे बात करके ही चेहरे का रंग बदल जाता है
ओर लोग पूछते है दवा का नाम कया है…
शूल क्या चुभेगा जनाब जो बातें चुभ जाती है .
याद आ आ कर बातें जख़्म हरा कर जाती है …..!!
तुम शबनम हो, . ..
फूल पे सोये रहती हो….
हम पत्ते हैं, …
दर्द से बिखरा करते हैं..