तुम आते थे

तुम आते थे
बहार आती थी

एक एक लम्हा
महका जाती थी

अब तुम जो नही हो
तुम्हारी यादें आती हैं

दिल के ज़ख़्मों को
कुरेद जाती हैं|

नज़दीक ही रहता है

नज़दीक ही रहता है वो पर मिलने नही आता..
पुछो तो मुस्करा के कहता है..
तुम से तो मुहोब्बत है..
तुम से क्या मिलना..

ना चाहते हुए भी

ना चाहते हुए भी साथ छोड़ना पड़ता हे,
” जिंदगी में कुछ मजबूरिया ”
” मोहब्बत ” से ज्यादा ताकतवर होती हे !!