तुम आ जाओ

तुम आ जाओ मेरी कलम की स्याही बनकर
मैं तुम्हें अपनी ज़िन्दगी के हर पन्ने में उतार दूँ

शब्द मुफ़्त मे

शब्द मुफ़्त मे मिलते है., लेकीन उनके चयन पर “निर्भर” करता है कि उनकी “कीमत” मिलेगी या “चुकानी” पड़ेगी!!