बेशक बेघर हूँ मैं
इस जहाँ में,
मगरआशियाँ
तेरी यादों का
आज भी मेरा दिल ही है….!!
Category: Hindi Shayri
ये जो खामोश से
ये जो खामोश से अल्फ़ाज़ लिखे है ना,
पढ़ना कभी ध्यान से, चीखते कमाल के है…
इश्क था इसलिए
इश्क था इसलिए सिर्फ तुझ से किया….!!!
फ़रेब होता तो सबसे किया होता…!!!
काश की कहीं इश्क़ के
काश की कहीं इश्क़ के भी पकोड़े होते
हम भी शिद्दत की चटनी के चटोरे होते|
एक रस्म मोहब्बत में
एक रस्म मोहब्बत में बनानी होगी,
छोड़ के जाए कोई भी शौक से,
मगर वज़ह एक दूसरे को बतानी होगी !
तुझसे हर कदम पर
ज़िन्दगी तुझसे हर कदम पर समझौता करूँ,
शौक जीने का है मगर इतना भी नहीं।
जीने के आरजू में
जीने के आरजू में मरे जा रहे है लोग,
मरने के आरजू में जिया जा रहा हु में.
बीती जो खुद पर
बीती जो खुद पर तो कुछ न आया समझ
मशवरे यूं तो औरों को दिया करते थे..
माफ़ी चाहता हूँ
माफ़ी चाहता हूँ गुनाहगार हूँ तेरा ऐ दिल…!!
तुझे उसके हवाले किया जिसे तेरी कदर नहीं…
एक तमन्ना तेरे संग
एक तमन्ना
तेरे संग गुज़र जाए ..
ये उम्र जो बाक़ी है …