सोचा ही नहीं था..

सोचा ही नहीं था..
जिन्दगी में ऐसे भी फ़साने होगें…!!

रोना भी जरूरी होगा..
और आँसू भी छुपाने होगें…!!!

आँखें थक गई है

आँखें थक गई है शायद
आसमान को तकते तकते…,
वो तारा नहीं टुटता..
जिसे देखकर मैं तुम्हें माँग लूँ ….

है अजीब शहर की

है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है
कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बद-मिज़ाज सी शाम है