कितने कमज़ोर है

कितने कमज़ोर है यह गुब्बारे, चंद सासों में फूल जाते है,
बस ज़रा सी बुलंदिया पाकर, अपनी औकात भूल जाते है…

वक़्त के साथ

वक़्त के साथ हर कोई बदल जाता है
गलती उसकी नहीं जो बदल जाता है
बल्कि गलती उसकी है जो
पहले जैसा रह जाता है