मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती….,
अपना वजूद भूलाना पडता है,किसी को अपना बनाने के लिए…।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती….,
अपना वजूद भूलाना पडता है,किसी को अपना बनाने के लिए…।
मिल जाए आसानी से,उसकी ख्वाहिश किसे है?
जिद तो उसकी हैं जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं…॥
मैं कैसे उस शख्स को रूला सकता हूँ,
जिस शख्स को मैनें खुद रो रो कर माँगा है…॥
अब जब जलेबी की तरह उलझ गई है जिंदगी
तो ख्वाहिशोंसे खीचातानीं ठीक नहीं…
चासनी में डूबकर जिंदगी का लाभ उठाऐ
पत्तों सी होती है कई रिश्तों की उम्र,
आज हरे…….
कल सूख जाएँगे….
क्यों ना जड़ों से सीखें… रिश्ते निभाना
गलती निकाल ने के लिए “दीमाग”चाहिये ..
ओर कबुल करने के किये “कलेजा” चाहिए..!!
मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मागना क्योकि…
मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी भर का..!
जाओ जा कर ढून्ढो हम से ज्यादा चाहने वाला
मिल जाये तो खुश रहना
न मिले तो फिर भी तेरे हैं हम..!!
बहाना क्यूँ तलाश करते हो रूठ जाने का …
बस इतना कह देते के दिल में जगह नहीं है…!
कदर करलो उनकी जो तुमसे
बिना मतलब की चाहत करते हैं…
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम और
तकलीफ देने वाले ज़्यादा होते है..!