यूँ ना देखा करो खुदा के लिये,
हो गई मोहब्बत तो मुसीबत हो जायेगी
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
यूँ ना देखा करो खुदा के लिये,
हो गई मोहब्बत तो मुसीबत हो जायेगी
बिन बुलाये आ जाता है, सवाल नहीं करता,
ये तेरा ख़याल भी न, मेरा ख़याल नहीं करता..
अभी हवा मन मुताबिक़ नही चल रही
सच का क्या है, सहूलियत से कह देंगे…
ऐ किराये के कातिलों बताओ कितनी रकम लगेगी ,
मुझे इश्क का सर कलम चाहिए।।।
जाने कैसे उसने भुला दिये वो पल.,
जिनको अपनी ज़िन्दगी कहा करता था वो….
सुलझा रही हूँ एक एक करके सारी उलझनें,
जाने क्या होगा जब इश्क से सामना होगा ..!!!
धड़कनों को थाम कर रखना..
क्यूकि अगर हम पास आ गये, तो तुम खुद को भुला दोगे…!!
एक ही समानता है पतंग औऱ जिंदगी में..
ऊँचाई में हो तब तक ही वाह-वाह होती है.
देखते हैं अब क्या मुकाम आता है हुज़ूर,
सूखे पत्ते को इश्क़ हुआ है बहती हवा से..
तेरे पास जो हैं उसकी क़द्र कर औऱ सब्र कर दीवाने,
यहाँ तो आसमां के पास भी, खुद की जमीं नहीं हैं…..