क्या मिलेगा दिलों में नफ़रत रख कर
बड़ी मुख्तसर सी ज़िंदगी है मुस्कुरा के मिला करो|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
क्या मिलेगा दिलों में नफ़रत रख कर
बड़ी मुख्तसर सी ज़िंदगी है मुस्कुरा के मिला करो|
मुझको मेरे वजूद की हद तक न जानिए ,
बेहद हूँ, बेहिसाब हूँ, बेइन्तहा हूँ मैं …!!
वो जो दो पल थे
तेरी और मेरी मुस्कान के बीच
बस वहीँ कहीं
इश्क़ ने जगह बना ली.?
मैंने अपनी मौत की अफवाह उड़ाई थी, दुश्मन भी कह उठे आदमी अच्छा था…!!!
वो भी अपने होठो पे इक खास हूनर रखते है
दिल तोड के कह देते है कि आखिर हुआ क्या है…!!
बस यही सोच कर हर मुश्किलो से लड़ता आया हूँ..
धूप कितनी भी तेज़ हो समन्दर नहीं सूखा करते..!!!
जिन्दगी में मुश्किलें तमाम है,
फिर भी इन होठों पे मुस्कान है,
जीना जब हर हाल में है तो,
फिर मुस्कुराकर जीने में क्या नुकसान है !!
वो भी अपने होठो पे इक खास हूनर रखते है,
दिल तोड के कह देते है कि आखिर हुआ क्या है…!!
अजीब लोगोँ का बसेरा है तेरे शहर मेँ,
गुरूर मेँ मिट जाते हैँ मगर याद नहीँ करते…
रोटी किसी माँ की कभी ठंडी नही होती।
मैने फुटपाथो पर भी,जलते चूल्हे देखे है।