बातों को स्वीकार

हे भगवान,

मुझे उन बातों को स्वीकार करने का धैर्य प्रदान करो जिन्हें मैं बदल नहीं सकता हूं;
जिन चीजों को मैं बदल सकता हूं उनको बदलने का साहस दो
तथा इन दोनों में अंतर करने के लिए बुद्धि प्रदान करो।

कोई रूठे ना

कोशिश यही रहती है कि हमसे कभी कोई रूठे ना,
मगर नजर अंदाज करने वालो से हम नजर नहीं मिलाते…!!!!

तैरती पत्ती से

कई बार नदी पर तैरती पत्ती से भी
हो सकता है प्रेम,
कई बार प्रेम ही होता है,
जो पत्ती को डूबने नहीं देता..!!

सब सो गये

सब सो गये अपने हाले दिल बयां करके

अफसोस की मेरा कोई नहीं जो

मुझसे कहे तुम क्यों जाग रहे हो..