जिदंगी में कभी

जिदंगी में कभी किसी बुरे दिन से रूबरू हो जाओ,

तो इतना हौंसला जरुर रखना की दिन बुरा था जिंदगी नहीं…!!!

कहाँ मांग ली

कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई ए-खुदा..
सिसकते हुए शब्दों में बस एक शख्स ही तो मांगा था..!

ठंड

कोई नहीं मरता ठंड के कारण
मरते हैं लोग सरकारी फंड के कारण
नेताजी खा जाते हैं कंबल वाला फंड
बदनाम हो जाती है दिसंबर वाळी ठंड

उस देश में

उस देश में औरत का मरतबा

कैसे बुलंद हो सकता है,
जहाँ मरदों की लड़ाई में गालियां मां -बहन की दी
जाती है.!!

करोडो में नीलाम

करोडो में नीलाम होते है यहाँ, एक नेता के
उतारे हुए सूट ।
वही कचरे में फेक देते है, ‘शहीदों की वर्दी और
बूट’ ।