लगता था ज़िन्दगी कोबदलने में वक़्त लगेगा…
क्या पता था बदलता हुआ वक़्त ज़िन्दगी बदल देगा..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
लगता था ज़िन्दगी कोबदलने में वक़्त लगेगा…
क्या पता था बदलता हुआ वक़्त ज़िन्दगी बदल देगा..
खुली छतों पे दिए कब के बुझ गए होतेकोई तो है जो हवाओं के पर कतरता है……
अपनी जिंदगी से इस कदर नाराज है हम से …
बस साँसे गुजर रही है मौत की तलाश में……
दो बूंद मेरे प्यार की पी ले,
जिन्दगी सारी नशे मे गुज़र जाएगी…
लफ़्ज़ों ने बहुत मुझको छुपाया लेकिन….
उसने मेरी नज़रों की तलाशी ले ली
अभी तो साथ चलना है
समंदरों की लहरों मॆं…
किनारे पर ही देखेंगे…
किनारा कौन करता है?
कुछ भी नहीं है बाक़ी बाज़ार चल रहा है,
ये कारोबार-ए-दुनिया बेकार चल रहा है|
परेशान मत हो मेरी जान,
कहा ना मैं हमेशा तेरे साथ हूँ !!
बहुत ही खूबसूरत होती है एक तरफ़ा मोहब्बत
ना ही कोई शिकायत होती है और
ना ही कोई बेवफ़ा कहलाता है|
जाने कब उतरेगा कर्ज उसकी मोहब्बत का,
हर रोज आँसुओं से इश्क की किस्त भरता हूँ..