सब सो गये

सब सो गये अपने हाले दिल बयां करके

अफसोस की मेरा कोई नहीं जो

मुझसे कहे तुम क्यों जाग रहे हो..

एहसास होता हैं

चलती रेल में खिड़की के पास बैठकर एहसास होता हैं,
मानों जो जितना करीब हैं,
वो तेज़ी से दूर जा रहे है..!!!

याद टूट कर

जिस दिन भी तेरी याद टूट कर आती है “ऐ जान”

मेरी आँखों के साथ ये बारिश भी बरस जाती है…