कभी जी भर के

कभी जी भर के बरसना…
कभी बूंद बूंद के लिए तरसना…
ऐ बारिश तेरी आदतें मेरे यार जैसी है…!!

इंतज़ार की आरज़ू

इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियो की आदत हो गयी है,
न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
अगर है… तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है ।