कितना मुश्क़िल सवाल पूछ लिया…
तुमने तो हाल चाल ही पूछ लिया…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कितना मुश्क़िल सवाल पूछ लिया…
तुमने तो हाल चाल ही पूछ लिया…
कभी चुप तो कभी गुम सी हैं,
ये बारिशें भी बिलकुल तुम सी हैं।
हमने सूरज की रोशनी में कभी अदब नहीं खोया,
कुछ लोग तो जुगनुओं की चमक में मगरूर हो गए…
सफ़र जितने भी थे सब यादगार रहे …!!
कमी रही तो सिर्फ हमसफ़र की …!!
रोते हुए दिल की कहानी मत पूछो,
कभी इश्क़ करना किरदार बन जाओगे।
तुम्हारी याद ऐसे महफूज़ है मेरे दिल मे,
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जैसे किसी गरीब ने रकम रक्खी हो तिजोरी में.!!
एक बार देख था उसने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए बस!
इतनी सी हक़ीकत है,बाकी सब कहानियाँ है..!!
हाँ ठीक है मैं अपनी अना का मरीज़ हूँ
आख़िर मेरे मिज़ाज में क्यूँ दख़्ल दे कोई
ये तो रस्ते मुझे ले आए तेरी जानिब
ये मुलाक़ात,मुलाकत न समझी न जाये|
तुमने जो दिल को छुना छोड़ दिया,
लफ्जों ने खूबसूरत होना छोड़ दिया..