मीठे बोल बोलिये

मीठे बोल बोलिये क्यों की
अल्फाजो में जान होती है
इन्ही से आरती अरदास और
अजान होती है
दिल के समंदर के वो मोती है
जिनसे इंसान की पहचान होती है

मेरी झोली में कुछ अल्फाज अपनी
दुआओ के ड़ाल दे ऐ दोस्त
क्या पता तेरे लब हिले और
मेरी तकदीर संवर जाय

मेरी प्रार्थना को ऎसे स्वीकार
करो मेरे ईश्वर की जब जब
सर झुके मुझसे जुड़े हर रिश्ते
की ज़िन्दगी संवर जाय

हल निकलेगा

कोशिश कर, हल निकलेगा
आज नही तो, कल निकलेगा।

अर्जुन के तीर सा सध,
मरूस्थल से भी जल निकलेगा।

मेहनत कर, पौधो को पानी दे,
बंजर जमीन से भी फल निकलेगा।

ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे,
फौलाद का भी बल निकलेगा।

जिन्दा रख, दिल में उम्मीदों को,
गरल के समन्दर से भी गंगाजल निकलेगा।

कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की,
जो है आज थमा थमा सा, चल निकलेगा।

कठिन है राह

कठिन है राह-गुज़र थोड़ी देर साथ चलो…

कठिन है राह-गुज़र थोड़ी देर साथ चलो;
बहुत कड़ा है सफ़र थोड़ी देर साथ चलो;

तमाम उम्र कहाँ कोई साथ देता है;
ये जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो;

नशे में चूर हूँ मैं भी तुम्हें भी होश नहीं;
बड़ा मज़ा हो अगर थोड़ी दूर साथ चलो;

ये एक शब की मुलाक़ात भी गनीमत है;
किसे है कल की ख़बर थोड़ी दू साथ चलो;

तवाफ़-ए-मंज़िल-ए-जाना हमें भी करना है;
‘फ़राज़’ तुम भी अगर थोड़ी दूर साथ चलो।

वजह ना दो

मुझे वजह ना दो हिन्दू या मुसलमान होने

की..
मुझे तो सिर्फ तालीम चाहिए ..
एक ”इंसान” होने की..

जो नहीं है

जो नहीं है पर दिखाई देता है ,वह

संसार है,

जो है पर दिखाई नहीं देता, वह परमात्मा है।

हताशा मे डूबी

हताशा मे डूबी माँ के

आंसू जब औलाद पोंछती है..!!
हर कर्ज अदा हो जाता है..ममता धन्य

हो जाती है..!!

खुद पर भरोसा

खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो,
सहारे कितने भी सच्चे हो एक दिन साथ छोड़ ही जाते हैं..