फ़क़ीर मिज़ाज़ हूँ मैं

फ़क़ीर मिज़ाज़ हूँ मैं ,अपना अंदाज़ औरों से जुदा रखता हूँ…

लोग मंदिर मस्जिदों में जाते है , मैं अपने दिल में ख़ुदा रखता हूँ…

मेरे कंधे पर बैठा

मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा जब मेरे कंधे पे खड़ा हो गया
मुझी से कहने लगा “देखो पापा में तुमसे बड़ा हो गया”

मैंने कहा “बेटा इस खूबसूरत ग़लतफहमी में भले ही जकडे रहना
मगर मेरा हाथ पकडे रखना”

“जिस दिन येह हाथ छूट जाएगा
बेटा तेरा रंगीन सपना भी टूट जाएगा”

“दुनिया वास्तव में उतनी हसीन नही है
देख तेरे पांव तले अभी जमीं नही है”

“में तो बाप हूँ बेटा बहुत खुश हो जाऊंगा
जिस दिन तू वास्तव में मुझसे बड़ा हो जाएगा
मगर बेटे कंधे पे नही …
जब तू जमीन पे खड़ा हो जाएगा!!

ये बाप तुझे अपना सब कुछ दे जाएगा !
तेरे कंधे पर दुनिया से चला जाएगा !!