अभी तक तो मोहब्बत है,इसीलिए फर्क पड़ता है,
वक्त ने चाहा, तो तुमसे नफरत करना भी छोड़ दुंगा…!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अभी तक तो मोहब्बत है,इसीलिए फर्क पड़ता है,
वक्त ने चाहा, तो तुमसे नफरत करना भी छोड़ दुंगा…!
नफरत करनी है तो इस कदर करो की इसके बाद हम मुहबत के काबिल न रहे|
अजीब अदा है यार लोगों की
नज़रें भी हम पर है और नाराज़गी भी हमसे ही