अकेले करना पड़ता हैं सफ़र जहाँ में कामयाबी के लिए..
काफिला और दोस्त,अक्सर कामयाबी के बाद ही बनते हैं..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अकेले करना पड़ता हैं सफ़र जहाँ में कामयाबी के लिए..
काफिला और दोस्त,अक्सर कामयाबी के बाद ही बनते हैं..
कमजोरियां मत खोज मुझमें मेरे दोस्त,
एक तू भी शामिल है मेरी कमजोरियों मे
छोड़ दो किसी से वफा की आस…..
ऐ दोस्त
जो रूला सकता हैं_, वो भुला भी सकता हैं_!!
मुमकिन नहीं है हर रोज मोहब्बत के नए, किस्से
लिखना……….!!
मेरे दोस्तों अब मेरे बिना अपनी, महफ़िल सजाना सीख
लो…….!!
हर शख्स परिंदों का हमदर्द
नही होता मेरे दोस्त,
बहुत बेदर्द बेठे है दुनिया में,
जाल बिछाने वाले !!…
अकेले करना पड़ता हैं सफ़र जहाँ में कामयाबी के लिए..
काफिला और दोस्त,अक्सर कामयाबी के बाद ही बनते हैं..
असफ़लता अनाथ होती है, मगर सफलता के माँ, बाप, रिश्तेदार दोस्त सभी होते है ।
किस को क्या इलज़ाम दूं
दोस्तो…
जिन्दगी में सताने वाले भी अपने थे..
और दफनाने वाले भी अपने थे…
शायरी की ज़रूरत नहीं दोस्तों,
अनजान है सब यहां इश्क से….
कुछ भी कहो…..
सब वाह वाह ही करेंगे !!
वफ़ादारी दिखाने की अदाक़ारी नही करता, ….
हमारा दिल कोई भी काम बाज़ारी नही करता.!!