शायरी क्या है मुझे पता नहीं …

शायरी क्या है मुझे पता नहीं,
मै नग्मों की बंदिश जानता नहीं,
मै जो भी लिखता हूँ, मान लेना सब बकवास है,
जो कुछ भी हैं ये कैद इन अल्फाजों में,
बस ये मेरे कुछ दर्द और मेरे कुछ ज़ज्बात हैं.

तनहाई से नही

तनहाई से नही …. शिकायत तो मुझे उस भीड से हैं …

जो तेरी यादो को मिटाने कि कोशिश में होती हैं …..