खुदा से मिलती है सूरत मेरे महबूब की,
अपनी तो मोहब्बत भी हो जाती है और इबादत भी|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
खुदा से मिलती है सूरत मेरे महबूब की,
अपनी तो मोहब्बत भी हो जाती है और इबादत भी|
हुस्न और इश्क बहुत रोये गले मिल मिल कर…!!
जाने क्या कह दिया दीवाने ने दीवाने से….
सबको हँसता ही देखना चाहता हूँ मैं,
किसी को धोखे से भी रुलाना मेरी आदत नहीं।।
चेहरा पढ़ कर मेरा
आज आयना भी
पूछता है मुझसे ये सवाल
तू कल फिर नहीं
सोया रात भर..
छत टपकती है उसके कच्चे घर की,
वो किसान फिर भी बारिश की दुआ करता है
वाह रे जिन्दगी !
भरोसा तेरा एक पल का नहीं;
और नखरे तेरे,
मौत से भी ज्यादा ।
सभी के दामन में दाग होते है,
ये सुनकर लोग नाराज क्यों होते है??
सिर्फ बेहद चाहने से क्या होता है,
नसीब भी होना चाहिए किसी का प्यार पाने के लिए।।
किसी का हो कर,
फिर से खुद का होना,
बहुत मुश्किल होता है।।
तुम आओ और कभी दस्तक दो इस दिल पर,..!! प्यार उम्मीद से कम निकले तो सज़ा-ऐ-मौत दे देना…!!