कभी आई तेरी याद

कभी आई तेरी याद माँ तो हम जी भर के रो लिये
कभी जागे सारी रात तो कभी दिन मे ही सो लिए
आन्सुओ से तुम्हारे न होने का गम मिटा रहा हू
क्या बताऊ कैसे जिये जा रहा हूँ
तुम्हरा दुलार बहुत याद आता है
हर बार आँखो मे आँसू छोड़ जाता है|

जमाना कल भी खराब था

जमाना कल भी खराब था और आज भी है द्रोपदी का चिरहरण करने वाले को भूल गए लोग पर

जिसने सीता को हाथ तक भी नही लगाया वो आज तक जल रहा है ………..